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शिवराज सरकार ने फिर साबित किया कि वह बिजली कंपनियों की सगी है श्रमिकों की नहीं: माकपा

 

भोपाल। प्रदेश की भाजपा की शिवराज सिंह चौहान सरकार एक बार फिर साबित करने जा रही है कि वह प्रदेश के उपभोक्ताओं को लूटने, जबरिया और फर्जी बिल वसूलने वाली बिजली कंपनियों की सगी है, पसीना बहाने वाले श्रमिकों की नहीं। इसीलिए तो श्रमिकों के कल्याण के लिए सुरक्षित 82 करोड़ रुपए की राशि को बिजली कंपनियों को सब्सिडी के रूप में उपहार स्वरूप भेंट करने जा रही है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने उक्त बयान जारी करते हुए कहा है कि श्रमिकों के भविष्य को दांव पर लगाकर बिजली कंपनियों की तिजोरियां भरने की शिवराज सरकार की दूसरी हरकत है। करीब एक साल पहले दिसंबर2021 मे भी यह सरकार श्रमिक कल्याण कोष से 416.17 करोड़ रुपए बिजली कंपनियों को सब्सिडी के रूप में दे चुकी है।

माकपा नेता ने कहा है कि इस कल्याण कोष से श्रमिकों के कल्याण की 15 योजनाएं चलती हैं। जिसमें दुर्घटना के दौरान की जाने वाली सहायता, मृत्यु उपरांत दी जाने वाली मदद, प्रसव के समय महिला श्रमिकों को दी जाने वाली सहयोग राशि, पेंशन, कर्ज के रूप में दी जाने वाली मदद के अलावा, श्रमिकों के बच्चों के विदेश में पढ़ाई के लिए दिया जाने वाला कर्ज भी शामिल है।

जसविंदर सिंह ने कहा है कि जब श्रमिकों के हक पर डाका डाला जा रहा है तब खंभे पर चढ़ कर नौटंकी करने वाले ऊर्जा मंत्री भी खामोश हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि चुनाव के समय चंदा तो इन्हीं बिजली कंपनियों से ही मिलता है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान सरकार से श्रमिकों के हितों के साथ खिलवाड़ करने से बाज आने की मांग करते हुए कहा है कि यदि सरकार अपने बिजली कंपनियों के प्रेम से बाज नहीं आती है तो श्रमिकों को भी पूरी ताकत के साथ सरकार का विरोध करना चाहिए।

जसविंदर सिंह

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