कोर्ट की अवमानना पर सुप्रीम कोर्ट सख्त : जिला प्रशासन से पूछा कैसे करेंगे प्राचीन दरवाजों का संरक्षण
दतिया @Republicbrakingindianews.com>>>>>>>>>>>>>>>> जिला प्रशासन व नगरपालिका द्वारा दतिया में बीते सप्ताह हुई भारी बारिश से प्राचीन दरवाजों पर बुलडोजर चलाने के साथ कोर्ट की अवमानना पर सुप्रीम कोर्ट को सख्त हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने दतिया जिला प्रशासन से पूछा है अब प्राचीन दरबाजो को संरक्षण कैसे करेंगे क्या उपाय है आपके पास। एक महीना का समय देकर हलफनामा दायर के निर्देश दिए है।
बता दें कि दतिया में जिला प्रशासन ने अपनी लापरवाही छुपाने के लिए बारिश के दौरान प्राचीन बुलुन्द दरवाजो की तोड़फोड़ कर दी थी। जिसे पर पहले से ही कोर्ट में याचिका दायर थी ओर अब कोर्ट की अबमाना भी भारी पड़ी है। सुप्रीम कोर्ट ने गेटों के पुनर्निर्माण एवं बचे हुए गेटों के संरक्षण के निर्देश है।
दतिया नगर की प्राचीन रर में स्थापित दरबाजों को जेसीबी मशीन से तोड़ने की कार्यवाही जिला प्रशासन और नगर पालिका प्रशासन को भारी पड़ रही हैं। मामले को लेकर समाजसेवी रामकुमार इटोरिया ने सुप्रीम कोर्ट में पहले से याचिका दायर की हुई थी। जिसमें पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने प्राचीन दरबाजों के संरक्षण के निर्देश दिए थे। बावजूद प्रशासन ने गेटों के संरक्षण के लिए कोई कार्यवाही नहीं की।
हाल ही में हुई बारिश के दौरान प्रशासन ने भांडेरी फाटक और रिछरा फाटक दरबाजे जेसीबी मशीन चलाकर तुड़बा दिए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को दरकिनार कर की गई कार्यबाही शीर्ष कोर्ट की पुनः अवमानना होने पर याचिकाकर्ता द्वारा कंटेम फाइल किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कंटेम पर 20 सितंबर को सुनवाई कर जिला प्रशासन को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया था। 25 सितंबर को प्रकरण की सुनवाई न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की संयुक्त पीठ द्वारा की गई।
प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय ने दतिया कलेक्टर और मुख्य नगर पालिका अधिकारी दतिया को कहा है कि 4 सप्ताह में शपथपत्र दें कि प्राचीन दरबाजों का पुनर्निर्माण कैंसे करेंगे तथा शेष बचे हुए प्राचीन दरवाजो के संरक्षण के लिए क्या करेंगे।