- संजीव शर्मा जिला ब्यूरो रिपब्लिक ब्रेकिंग न्यूज भिण्ड
भिण्ड । 17 बटालियन माता मंदिर प्रांगण पर आयोजित हो रही श्री राम कथा अमृत महोत्सव में अष्टम दिवस की श्री राम कथा मैं व्यास जी महाराज के रूप में अनंत श्री विभूषित हनुमत द्वार पीठाधीश्वर जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी धीरेन्दराचार्य जी महाराज चित्रकूट धाम द्वारा श्री राम कथा का वाचन किया जा रहा है। आज आठवे दिन व्यास जी ने बताया कि जब हनुमान जी भगवान राम का दूत बनकर लंका में प्रवेश करते हैं, तो वह अपना रूप अत्यंत लघु कर लेते हैं।यहाँ अपने शरीर का आकार छोटा करने का अर्थ यह है कि वह अपने आप मामूली व्यक्ति बनकर माता सीता के सम्मुख जाते हैं। यहां लघुता का अर्थ अभिमान रहित से है। उसके पीछे भी एक मंशा यह है कि मां सीता की भक्ति को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को अभिमान रहित होना होगा। तभी मां सीता की भक्ति मिल सकती है।
इसी बीच अशोक वाटिका में रावण का आगमन होता है। यहां रावण का अभिप्राय समस्या से है, वही हनुमान जी का अर्थ सलूशन (समाधान ) से है। मानव जीवन में समस्याओं के आने से पूर्व उसका समाधान मौजूद होता है। हजारों की संख्या में भक्ति उमड़कर कथा का रसपान कर रहे हैं। व्यास जी ने बताया की भागवत कथा हो चाहे राम कथा यह जीवन को सरल और सरस बनाने का कार्य करती है। और इन कथाओं के रसपान करने से भवसागर से व्यक्ति मुक्ति प्राप्त कर लेता है।