भीमसैन सिंह तोमर
हजारों किसानों ने बाजार में रैली निकालकर एसडीएम कार्यालय में एकत्रित होकर अटल एक्सप्रेस वे का किया विरोध
जान देंगे, पर जमीन नहीं देंगे किसानों ने भरी हुंकार
किसानों की मांग नहीं मानी गई तो आगामी दिनों में आंदोलन और तेज किया जाएगा: गजराज सिंह
अंबाह। अटल प्रोग्रेस वे के विरोध में किसानों ने बड़ी लामबंदी करके अनुविभागीय अधिकारी अंबाह राजीव समाधिया को परियोजना को निरस्त करने के लिए व्यक्तिगत रूप से आवेदन प्रस्तुत किए हैं। 500 से ज्यादा किसानों ने आपत्ति प्रकट करते हुए यह कहा है कि हम जान देंगे, पर जमीन नहीं देंगे। उन्होंने कहा है कि हमारी क्षेत्र की वेशकीमती, बहु फसली, समतल, सिंचित जमीन है। पहले से ही क्षेत्र में जमीन की धारिता कम है। अटल प्रोग्रेस वे में जमीन अधिग्रहण के अलावा 10 किलोमीटर का बफर जोन बनाया जाना प्रस्तावित है। जिससे पूरा संभाग ही बर्बाद हो जाएगा। इस दौरान हुई किसानों की सभा को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार ने कहा कि हम सरकार से आग्रह करते हैं कि किसानों को बर्बाद करने वाली यह सड़क परियोजना को पूरी तरह से रद्द किया जाए। किसानों की मांग नहीं मानी गई तो आगामी दिनों में आंदोलन और तेज किया जाएगा। सभा में मध्य प्रदेश किसान सभा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अशोक तिवारी ने कहा कि क्षेत्र में पहले से ही भूमिहीनता ज्यादा है। इससे भूमिहीन किसानों की संख्या और बढ़ेगी। यह संघर्ष किसानों की जमीन को बचाने के साथ-साथ किसान के सम्मान को बचाने का संघर्ष है। उन्होंने सरकार से इसे तत्काल रद्द करने का आग्रह किया। सभा को जन्डैल सिंह सिकरवार, उदयवीर सिंह, सुभाष शर्मा, रामनिवास शर्मा, कॉर्डिनेटर कुलदीप तोमर, उदयवीर, सक्षम परमार, अनुरुद्ध, नपा उपाध्यक्ष राजू तोमर, जनपद उपाध्यक्ष शिशुपाल सखवार, जनपद सदस्य टिल्लू तोमर, जनपद सदस्य सुग्रीव सिंह तोमर आदि ने संबोधित किया। एसडीएम राजीव समाधिया को 500 से अधिक किसानों ने अटल एक्सप्रेस वे परियोजना निरस्ती आवेदन दिया। किसानों ने आगामी दिनों में 17 फरवरी को शेष निरस्ती आवेदन प्रस्तुत करने का भी आह्वान किया है। किसान नेताओं ने कहा है कि आगामी समय में संभाग भर के किसान जुझारू संघर्ष करेंगे। मौके पर रामस्वरूप शर्मा, श्रीनिवास मुद्गल, मन्नालाल, विजेंद्र, उदयवीर, धर्मसिंह, वीरेंद्र, प्रिंस, रामवीर, पुरुषोत्तम, तारा, नेकराम, रीतेश, विनोद, रामनरेश, भगवान सिंह, रघुवीर, राजेंद्र, जगदीश, राजाराम, रमेश, शशिकांत, जीतू सहित हजारों किसान मोजूद रहे।
इनका कहना है :-
केंद्र व प्रदेश की सरकार एक ओर तो खेती को बढ़ावा देने के बड़े-बड़े दावे कर रही है। दूसरी ओर यही सरकार मुरैना जिले में चंबल प्रोग्रेस वे के नाम पर छोटे व सीमांत किसानों की जमीनें हड़पकर वहां सीमेंट का हाईवे बनाना चाहती है। हम पूछना चाहते हैं कि क्या किसानों को भूखों मारकर विकास कराना सही है। सरकार या तो अटल प्रोग्रेस वे पुराने एलाइनमेंट पर बनाए अथवा इस प्रोजेक्ट को रद्द करे। यदि अटल प्रोग्रेस वे अत्यावश्यक, तो उसे चंबल नहर के दोनों और निकाला जा सकता है।
गजराज सिंह सिकरवार (पूर्व विधायक)
अटल प्रोग्रेस परियोजना पूरी तरह रद्द की जाए, क्योंकि यह किसानों के हित में नहीं है। परियोजना में किसानों की बेशकीमती, बहुफसली, सिंचित, समतल जमीन ली जा रही है। इससे सामाजिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और क्षेत्र तबाह हो जाएगा। किसानों की बेशकीमती जमीन अधिग्रहित की गई तो बेरोजगारी और बढ़ेगी क्योंकि प्रोग्रेस वे से रोजगार विकल्प तो तैयार होंगे नहीं। 90 प्रतिशत किसान आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। अम्बाह में 500 से अधिक किसानों ने निरस्ती का आवेदन दिया। गांव-गांव जाकर किसानों से अपील की है अब 20 फरवरी का किसान देवरी ईको सेंटर पर एकत्रित होकर अपनी दावे-आपत्तियां प्रस्तत करेंगे।
अशोक तिवारी (सीपीएम नेता कार्यकारी अध्यक्ष किसान सभा)
राष्ट्रीय रूप से प्रचलित व स्थानीय रूप से प्रचलित अखबार में एक्सप्रेस वे का पूरा नोटिस विज्ञापन दिया गया है। मुआवजे की प्रक्रिया है बाजारू मूल्य और कलेक्टर गाइडलाइन में जितना अधिकतम नियमों के दायरे में होगा हम पूरा प्रयास करेंगे किसानों को अधिकतम मुआवजा मिले कानून प्रावधान के अंदर जो भी किसानों के लिए बेहतर होगा वह किया जाएगा।
राजीव समाधिया (एसडीएम अंबाह)