मानव तस्करी दुनियाँ का तीसरे नम्बर का अपराध- देवेन्द्र भदौरिया
भारतीय न्याय संहिता में ट्रैफिकिंग को अपराध के रूप में शामिल करना स्वागत योग्य- रामजीशरण राय
दतिया @Republicbreakingindianews.com>>>>>>>>>>>>>>>> भारतीय न्याय संहिता के नए खंड में ट्रैफिकिंग को एक अपराध के रूप में शामिल करना स्वागत योग्य है। इसके बावजूद देश को एक सख्त ट्रैफिकिंग विरोधी कानून की जरूरत है ताकि मानव तस्करी गिरोहों के खिलाफ अंतर्राज्यीय समन्वय और ट्रैफिकिंग के पीड़ितों का पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके। उक्त उदगार बच्चों की न्याय तक पहुँच कार्यक्रम के जिला समन्वयक रामजीशरण राय ने आयोजित बाल तस्करी के विरूद्ध संवाद कार्यक्रम में व्यक्त किये।
अन्तर्राष्ट्रीय बाल तस्करी निषेध दिवस-2024 के उपलक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग, कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन व धरती संस्था के संयुक्त तत्वावधान में बाल तस्करी के विरूद्ध संवाद कार्यक्रम पोषण केंद्र पुरानी कलेक्ट्रेट में आयोजित किया गया।
आयोजित संवाद कार्यक्रम में धरती संस्था के संचालक देवेन्द्र भदौरिया ने मानव दुर्व्यापार और बाल दुर्व्यापार को दुनियाँ का टॉप-3 का अपराध बताते हुए इस पर विभिन्न स्तरों पर प्रभावी कार्य करने की आवश्यकता बताई। ब्लॉक समन्वयक एस.आर. चतुर्वेदी ने कार्यक्रम का संचालन किया व आभार अशोक कुमार शाक्य ने व्यक्त किया। ब्रजेन्द्र कुमार, बालमित्र बलवीर पाँचाल व संचालक स्वदेश संस्था पीयूष राय ने बाल तस्करी, बाल विवाह, बाल अपराधों पर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सक्रिय सहभागिता की। उक्त जानकारी रामजीशरण राय जिला समन्वयक बच्चों की न्याय तक पहुँच कार्यक्रम दतिया ने दी।