विनोद गुप्ता
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने जबरन धर्मांतरण को एक बार फिर ‘गंभीर मुद्दा’ करार देते हुए इस पर एक बार फिर सख्त टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि यह संविधान के विरूद्ध है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने वकील अश्विनी उपाध्याय ने एक याचिका दायर की है जिसमें कोर्ट से केंद्र और राज्यों को ‘‘डरा-धमकाकर, धोखे से उपहार या मौद्रिक लाभ का लालच देकर’’ किये जाने वाले धर्मांतरण को रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट ने रुपये, भोजन या दवाई का लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाने वालों को गलत बताते हुए कहा, जो गरीब और ज़रूरतमंद की मदद करना चाहता है, ज़रूर करे। लेकिन इसका मकसद धर्म परिवर्तन करवाना नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से इस मामले को लेकर सभी राज्यों में लागू कानूनों की समीक्षा तक विस्तृत हलफनामा देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी।