विनोद गुप्ता मध्यप्रदेश
योजना के तहत 620 अस्पतालों को तीन साल में 1048 करोड़ का हुआ भुगतान
भोपाल। आयुष्मान भारत योजना से संबद्ध मध्य प्रदेश के 620 निजी अस्पतालों में से 120 ने दो सौ करोड़ रुपये का घोटाला किया है। इनमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर सहित प्रदेश के ख्यातिप्राप्त निजी अस्पताल भी शामिल हैं। भोपाल और जबलपुर के कुछ अस्पतालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई गई है। यह जानकारी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा तैयार कराई गई एक जांच रिपोर्ट में सामने आई है।
अर्थदंड लगाकर कर रहे वसूल रहें हैं
स्वास्थ्य विभाग अब इन निजी अस्पतालों पर अर्थदंड लगाकर वसूली कर रहा है और 15 अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कुल 104 अस्पतालों से अर्थदंड वसूली के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं। भोपाल के वैष्णव मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई है साथ ही आयुष्मान योजना की संबद्धता भी समाप्त कर अस्पताल का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है। आष्युमान योजना के अंतर्गत कुल 620 निजी अस्पतालों को तीन साल (वर्ष 2019 से जुलाई 2022 तक) में 1048 करोड़ 98 लाख 19 हजार 481 रुपये का भुगतान किया गया। वर्ष वार किए गए भुगतान में अधिकांश निजी अस्पतालों में वित्तीय फर्जीवाड़ा और ज्यादा बिलिंग की शिकायतें मिली हैं।
कब कितनी राशि का भुगतान किया
वर्ष — राशि
2019-20 — 141 करोड़ 72 लाख 55 हजार 807 रुपये
2020-21 — 265 करोड़ 14 लाख 56 हजार 297 रुपये
2021-22 — 642 करोड़ 11 लाख सात हजार 377 रुपये
15 अस्पताल प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी
भोपाल के आयुष्मान भारत अस्पताल, राजदीप अस्पताल, वीसीएच अस्पताल, किश्ानानी अस्पताल, जीवनश्री अस्पताल, नवोदय अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर। जबलपुर का जीवन ज्योति अस्पताल एनटीपीसी गाडरवाड़ा, आदित्य सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर, सेठ मन्नूलाल जगन्नाथ दास ट्रस्ट अस्पताल। गुना का सहयोग अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर प्रालि, राम हाइटेक अस्पताल, आरआर हाइटेक अस्पताल, मीनाक्षी अस्पताल। मुरैना का राधे कृष्ण अस्पताल और भिंड के बीएम अस्पताल को नोटिस जारी किया गया है। इन अस्पतालों से अधिक बिलों के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
ऐसे की गड़बड़ी
जांच में कई तरह के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कई अस्पतालों में खुद के कर्मचारियों के नाम आयुष्मान कार्ड बनवा दिए गए थे और उन्हें मरीज बनाकर रकम निकाल ली गई। इसी तरह किसी मरीज का बिल 50 हजार का बना तो उसे बढ़ाकर दो लाख रुपये की राशि सरकार से वसूल ली जाती थी। ग्रामीण क्षेत्र के आयुष्मान कार्डधारियों को अस्पताल लाने के लिए जगह-जगह एजेंट नियुक्त किए गए थे।
कुछ अस्पतालों ने इन्हें जनसंपर्क अधिकारी का पदनाम दे दिया था। बिलिंग की राशि में बढ़ोतरी का खेल जांच के नाम पर किया जाता था। महंगी-महंगी जांच के नाम पर बिल बना लिए जाते थे। जबलपुर के सेंट्रल इंडिया किडनी हास्पिटल द्वारा वेगा होटल में कार्डधारियों को प्रलोभन देकर ठहराया जाता था और इनके नाम पर फर्जी बिलिंग की जाती थी और फर्जी मरीजों को भी कुछ हजार रुपये दे दिए जाते थे। इसके संचालक डा. अश्विनी पाठक, दुहिता पाठक फिलहाल जेल में हैं। अब तक इन्होंने छह हजार फर्जी मरीजों के नाम पर आयुष्मान योजना से रकम निकाली थी। ये अस्पताल लोगों को लालच देकर उनके फर्जी आयुष्मान कार्ड भी तैयार करवाते थे।
104 अस्पतालों से हो रही अर्थदंड की वसूली
प्रदेश के 104 अस्पतालों से अर्थदंड वसूला जा रहा है। इनमें भोपाल का एके अस्पताल, आधार, अजय, अक्षय, आल इस वेल मल्टीस्पेशियलिटी, अमलतास इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस देवास, अर्मिता अस्पताल, आनंद, अपेक्स, आराधना मल्टीस्पेशियलिटी एंड किडनी, अरेरा ट्रामा एंड क्रिटिकल केयर, आयुष्मान भारत, बाालाजी चिल्ड्रन, बंसल, भोपाल केयर, बीआइएमआर अस्पताल ग्वालियर, बाम्बे अस्पताल रिसर्च सेंटर जबलपुर, कैंसर अस्पताल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट जन विकास न्यास ट्रस्ट, केयर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल, सेंट्रल, चिरायु हेल्थ एंड मेडिकल प्रलि, चिरायु मेडिकल कालेज एंड चेरिटेबल, फाउंडेशन, सीएसएस एप्पल मल्टीस्पेशियलिटी, सिटी अस्पताल, सिटी अस्पताल दमोह, सिटी अस्पताल जबलपुर, धर्मलोक अस्पताल प्रलि, डीएनएस अस्पताल प्रलि, गैलेक्सी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल जबलपुर, जीडी अस्पताल रतलाम, गीता अस्पताल उज्जैन, ग्लोबल स्पेशियलिटी, ग्रेटर कैलाश अस्पताल प्रलि, गुप्ता नर्सिंग होम, गुरु आर्शीवाद, इंफिनिटी हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट ए यूनिट आफ आइएचआरसी जबलपुर, जेके अस्पताल एंड एनएल अस्पताल, जबलपुर अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, जेश अस्पताल शाजापुर, जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, जय आरोग्य, जेके, कैलाश सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ग्वालियर, एलबीएस, लीलावती मेमोरियल अस्पताल भोपाल, लाइफ मेडिकल अस्पताल, एकेजी हाइटेक अस्पताल अशोकनगर, लोटस, महावीर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस, माहेश्वरी नर्सिंग होम, मार्बल सिटी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, मेडिस्क्वर मेट्रो अस्पताल एंड कैंसर रिसर्च सेंटर जबलपुर, एमजीएम अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर कटनी, मिरेकल्स अस्पताल, मिशन अस्पताल दमोह, मिताली अस्पताल बाालाघाट, मोहनलाल हरगोविंद पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट, मोना अस्पताल, एमपी बिरला अस्पताल सतना, मल्टीकेयर अस्पताल भोपाल, नागपुर अस्पताल, नर्मदा अपना अस्पताल होशंगाबाद, नर्मदा ट्रामा सेंटर भोपाल, नवजीवन अस्पताल भोपाल और ग्वालियर, न्यूरो ट्रामा सेंटर एंड मल्टी स्पेशियलिटी, निरामय, पालीवाल, पांडेय, पाटीदार सेंटर एंड मल्टीस्पेशियलिटी मंदसौर, पाटीदार अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, पीपुल्स सेंटर अस्पताल प्रालि, प्राइम अस्पताल देवास, राम हाइटेक, आरडी गार्डी मेडिकल कालेज एंड सीआर गार्डी अस्पताल, रीवा अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, आरजेएन अपोलो स्पेशल, आरकेडीएफ मेडिकल कालेज अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, रोशन, सागरश्री अस्पताल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट प्रलि, सहारा फ्रैक्चर एंड जनरल अस्पताल, संस्कारधानी अस्पताल, प्रालि, सराफ, सर्वोत्तम, सेठ मन्नूलाल जगन्नाथदास ट्रस्ट अस्पताल, सेवा सदन आइ अस्पताल, शेल्बी अस्पताल, शांता नर्सिंग होम, श्रीगुरुनानक अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, श्रीसाईं, सिंगरौली अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, एसएनजी, एसएसआइएमएस ग्वालियर, स्वास्तिक मल्टीस्पेशियलिटी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर, तृप्ति मल्टी स्पेशियलिटी एंड ट्रामा सेंटर, उबंतू अस्पताल भोपाल, उज्जैन चेरिटेबल ट्रस्ट, उज्जैैन आर्थो, वंदना अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर, विंध्या अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर शामिल है।
अधिकारी से मंत्री तक जवाब देने से बचते रहे
आयुष्मान योजना में गड़बड़ी की जांच के मामले में जब मंत्री से लेकर अधिकारियों से जवाब मांगा गया तो सब बचते नजर आए। लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डा प्रभुराम चौधरी ने कहा कि गड़बड़ी की जांच तो हम कराते रहते हैं। यह भी जांच कराई होगी। जांच विभाग के अधिकारियों की टीम बनाकर ही कराई जाती है। मुझे और जानकारी जुटाना पड़ेगा। मैं अभी एक कार्यक्रम में छतरपुर आया हूं। बाद में बात करता हूं।
स्वास्थ्य आयुक्त सुदाम खाड़े ने कहा कि मैं एक बैठक में व्यस्त हूं। आयुष्मान योजना में फर्जी बिल के मामले में आप सीईओ से बात कर लें।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं अदिति गर्ग से बात की गई तो उन्होंने कहा , ‘मैं कल ज्वाइन करूंगी। प्रकरण में जानकारी लेकर बता पाऊंगी।’
इन अधिकारियों के कार्यकाल में हुई गड़बड़ी
पल्लवी जैन गोविल – प्रमुख सचिव
मोहम्मद सुलेमान – अपर मुख्य सचिव
प्रतीक हजेला -आयुक्त
संजय गोयल -प्रमुख सचिव
आकाश त्रिपाठी – आयुक्त
सुदाम खाड़े -आयुक्त
जे विजय कुमार – सीईओ
अनुराग चौधरी -सीईओ
सपना लोवंशी- कार्यपालन अधिकारी
दो दिन पहले हटाए गए सीईओ
दो दिन पहले राज्य सरकार ने अनुराग चौधरी सीईओ आयुष्मान योजना को हटाया है। दरअसल आयुष्मान योजना में गड़बड़ी को लेकर सरकार के पास कई स्तर से शिकायतें पहुंच रही थी। इस बीच एक वीडिया इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हुआ था, उसमें भी आयुष्मान योजना के तहत लंबित बिलों की राशि के भुगतान के लिए रिश्वत मांगी जा रही थी। सपना लोवंशी को भी सरकार ने कुछ दिन पहले हटाया था।