लक्ष्मण सिंह तोमर
ग्वालियर – मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर में नवनिर्मित राजमाता विजयाराजे सिंधिया टर्मिनल का निर्माण पूरा हो गया है. करीब 20,000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में निर्मित इस टर्मिनल बिल्डिंग को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने करीब 496 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया है. इस टर्मिनल से ऑपरेशन शुरू होने के बाद ग्वालियर एयरपोर्ट की क्षमता में करीब सात गुना की बढ़ोत्तरी हो जाएगी.
प्राधिकरण के अनुसार, नए टर्मिनल को 16 महीने के रिकार्ड समय में तैयार किया गया है. नवनिर्मित टर्मिनल से सालाना करीब 20 लाख यात्रियों का आवागमन हो सकेगा. साथ ही पीक आवर्स के दौरान करीब 1400 यात्रियों आवागमन एक साथ हो सकेगा.
नवनिर्मित राजमाता विजयाराजे सिंधिया टर्मिनल को कुछ इस तरह तैयार किया गया है, जिससे दिन में कृत्रिम ऊर्जा की कम से कम जरूरत पड़े. टर्मिनल में 500 KW क्षमता के सौर ऊर्जा संयत्र भी लगाया गया है, जिससे रात में हरित ऊर्जा की मदद से एयरपोर्ट का संचालन किया जा सके.
करीब 20,000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में नवनिर्मित टर्मिनल बिल्डिंग में 16 चेक-इन काउंटर के साथ करीब 600 कार की पार्किंग की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा, एप्रन के साथ एयरपोर्ट में एयरक्राफ्ट पार्किग के लिए 13 पार्किंग-वे का निर्माण किया गया है.
नवनिर्मित टर्मिनल बिल्डिंग का डिज़ाइन आधुनिकता एवं सांस्कृतिक समृद्धि का संगम है. इस टर्मिनल से हवाई यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को न केवल ग्वालियर की सांस्कृतिक विरासत की अनुभूति होगी, बल्कि जटिल नक्काशी, मान-मंदिर पैलेस के झरोखे के साथ इलाके के इतिहास को दर्शाती कलाकृति देखने को मिलेगी.
उल्लेखनीय है कि बीते 10 सालों में ग्वालियर एयरपोर्ट ने तरक्की की नई इबारत लिखी है. 2014 में ग्वालियर जहां सिर्फ 2 शहरों से जुड़ा था, वहीं आज ग्वालियर के राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट से सात शहरों के लिए सीधी उड़ान उपलब्ध हैं.
ग्वालियर एयरपोर्ट से मौजूदा समय में बेंगलुरु, दिल्ली, हैदराबाद, इंदौर, अहमदाबाद, मुंबई और अयोध्या के लिए फ्लाइट्स उपलब्ध हैं. यहां से हर हफ्ते 66 उड़ानों की आवाजाही होती है. जल्द ही, ग्वालियर देश कुछ अन्य एयरपोर्ट से जुड़ने जा रहा है.