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मुरैना

अपनों के बीच पहुंचकर उनकी सेवा मेरा सौभाग्य- डीजीपी पुरुषोत्तम शर्मा.

लोकसभा क्षेत्र में सघन जनसंपर्क व धार्मिक कार्यों, सेवा कार्य करते हुए , और अपनों के मध्य हर सुख-दुख में दिख रहे हैं साथ ।

भीमसेन सिंह तोमर

 मुरैना। लोकसभा आम चुनाव का चुनावी समर लगभग पूरी तरह से तैयार है इसी बीचअपने-अपने दावेदारी करने वाले राज नेता , व लोगों के बीच पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं विभिन्न माध्यम अपने-अपने तरीके से अपना रहे हैं वहीं दूसरी ओर सीधे-साधे आम व्यक्ति की तरह अपने लोगों के बीच पहुंच रहे हैं , पहुंचकर धार्मिक व सेवा कार्य कर रहे हैं वर्तमान डीजीपी पुरुषोत्तम शर्मा ।उन्हें लगातार अपने लोगों का, क्षेत्र के विधानसभा स्तर पर जिसमें सुमावली , जौरा, सबलगढ़ ,मुरैना, दिमनी अंबा ह हर विधानसभा में जहां भी उनके शुभ चिंतक किसी भी छोटे-मोटे कार्यक्रम का निमंत्रण आमंत्रण देते हैं तो वह तुरंत पहुंचकर वहां पर सेवा कार्य करते हैं वहीं अगर जानकारी लगती है कोई धार्मिक आयोजन , श्रीमद्भागवत कथा बड़े स्तर का कार्यकम भी पहुंचकर वह निरंतर अपनों की बीच पहुंचकर सेवा कार्य कर रहे हैं हमारे संवाददाता द्वारा जब उनसे बातचीत की गई तो उन्होंने

 जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि अपनों के बीच पहुंचना और उनकी सेवा करना मेरा सौभाग्य है ।हम आपको बता दें की वर्तमान डीजीपी पुरुषोत्तम भोपाल मुख्यालय पर पुलिस महानिदेशक के पद पर हैं और उन्होंने दिसंबर माह में वीआरएस के लिए भी आवेदन किया है और वह अब राजनीति में आकर सेवा करना चाहते हैं उन्होंने कहा कि हमने बड़े-बड़े स्तर पर पुलिस सेवाएं दिए हैं अब हम चाहते हैं कि जमीनी स्तर पर लोगों , किसान, युवाओं निर्बल की सशक्त माध्यम बने और उनकी के बीच पहुंचे और उनके मन को टटोलकर , और उनके हो रही कठिनाई और पीड़ा को दूर करने का अगर जनता जनार्दन उनकों आशीर्वाद प्रदान करती है तो वह अपनी की जान से सेवा करेंगे।

।अपनों की सेवा रुचि में आत्मीय आनंद की प्राप्ति होती है, -डीजीपी पुरुषोत्तम शर्मा।

भीमसेन सिंह तोमर।8871219492

मुरैना/जौरा

मुरैना लोकसभा में सघन जनसंपर्क व जन सेवा के दौरान आज जौरा कार्यालय पर लोगों को जन दर्शन , तहत चौपाल लगाकर डीजीपी पुरुषोत्तम शर्मा के द्वारा प्रशासनिक समस्याओं को सुनकर और उनका यथासंभव मौका स्थल पर ही निराकरण भी किया गया, समस्याएं सुनी वही डीजीपी ने कहा कि मैं मुरैना लोकसभा के अपने पारिवारिक जनों काअंश भर भी काम आता हूं तो यह मेरा सौभाग्य होगा और मैं निरंतर ही अपने परिवारी जनों की सेवा में रहना चाहता हूं और मैं प्रशासनिक सेवा से अब राजनीति में आकर अपने परिवार जनों कीसमस्याओं को सुनकर उनका निराकरण करने का प्रयास कर रहा हूं

मैं ईश्वर का धन्य वाद ज्ञापित करता हूं और मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूं कि मैं अपन परिवारी जनों का सहारा बन रहा हूं और उनको आ रही प्रशासनिक, समस्याओं से निजात दिला रहा हूं।

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